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दोस्तों आज हम आपको बताएंगे सुपर कंप्यूटर क्या है। 

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे सुपर कंप्यूटर क्या है के बारे में। जैसे की सुपर कंप्यूटर क्या है ?इसका इस्तेमाल कहा किया जाता है ?और सुपर कंप्यूटर कब और किसने बनाया है ? और आप आर्टिकल को पूरा जरूर पढियेगा क्युकी आपको इस आर्टिकल में सुपर कंप्यूटर क्या है से सम्बंधित कुछ नयी जानकारी देने वाला हूँ तो चलिए शुरू करते है -----

आजकल हम इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के युग में जी रहे हैं। और ये टेक्नोलॉजी कंप्यूटर के बिना हमारे काम ही नहीं आ सकते .हमें जो कुछ भी जानकारी और ज्ञान मिलता है। वो सब कंप्यूटर की वजह से ही मुमकिन हो पाया है।  अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में हम जो कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं। उसे साधारण कंप्यूटर कहा जाता है। सामान्य कंप्यूटर से साधारण कार्य है जैसे छोटी मोटी कैलकुलेशन करना, पॉवरपॉइंट बनाना, टैक्स टाइप करना, गेम खेलना, पिक्चर देखना जैसे काम किए जाते हैं। साधारण कंप्यूटर के अलावा एक और कंप्यूटर है। जिसका इस्तेमाल बड़े बड़े कामों को पूरा करने के लिए किया जाता है। वो कंप्यूटर साधारण कंप्यूटर के मुकाबले बड़ी बड़ी कैल्कुलेशन्स को चंद मिनटों में कर दिखाता है। मौसम के बारे में भी बताता है। बड़ी बड़ी मशीनों को बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। 

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प्राकृतिक संसाधन यानी की नैचरल रिसोर्सेज के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का कार्य भी करता है। जो ये सारे बड़े बड़े काम करता है, उस कंप्यूटर को सुपर कंप्यूटर कहा जाता है। सुपर कंप्यूटर के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा। और इसकी थोड़ी बहुत जानकारी तो आप सभी के पास होगी, लेकिन आज हम आपके लिए सुपर कंप्यूटर के बारे में ऐसी जानकारी लेकर आए हैं, तो अपने अभी तक शायद न सुनी हो।और जिससे आपको इस कंप्यूटर के बारे में थोड़ा और ज्ञान मिल सके। तो चलिए हम आज के इस खास विषय की चर्चा शुरू करते हैं। तो सबसे पहले हम जानेगे की सुपर कंप्यूटर क्या है

तो चलिए अब आपको बताते है कि सुपर कंप्यूटर क्या है। 

सुपर कंप्यूटर क्या है के बारे में जानने से पहले हम ये समझने की कोशीश करेंगे कि कंप्यूटर क्या होता है। कंप्यूटर एक सामान्य उद्देश्य से काम करने वाली मशीन है। जो इनपुट डिवाइस जैसे कीबोर्ड और माउस के जरिए यूजर्स के डेटा लेती है, फिर उस डेटा की प्रक्रिया करता है। और प्रक्रिया के बाद यूजर को आउटपुट देता है। एक सामान्य कंप्यूटर इसी तरह से काम करता है, लेकिन सुपर कंप्यूटर का काम इससे कहीं ज्यादा अधिक और तेज होता है। सुपर कंप्यूटर को वहाँ पर काम में लिया जाता है। जहाँ पर बहुत ज्यादा पावर और तेज गति के साथ वास्तविक काल में बड़े कैल्कुलेशन्स की जरूरत होती है। सुपर कंप्यूटर को हिंदी में महासंगणक कहा जाता है। सुपर कंप्यूटर सामान्य कंप्यूटर की तरह एक ही समय में एक ही काम नहीं करता। 

बल्कि एक समय में वो अनगिनत कार्य करने की क्षमता रखता है। क्योंकि सुपर कंप्यूटर सिग्नल प्रोसेसिंग की जगह पैरेलल प्रोसेसिंग के आधार पर काम करता है। साधारण कंप्यूटर कार्य को पूरा करने के लिए सीरियल प्रोसेसिंग का उपयोग करते हैं, जिसमें एक समय में एक ही काम किया जाता है मतलब की एक कार्य के खत्म होने के बाद ही दूसरे कार्य की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जिसकी वजह से इसमें कार्य की प्रक्रिया धीमी होती है, लेकिन सुपर कंप्यूटर में हजारों प्रोसेसर लगे होते हैं। जो प्रति सेकंड अरबों करोड़ों गणना करने में सक्षम होते हैं। एक सुपर कंप्यूटर कार्य को पूरा करने के लिए पैरेलल प्रोसेसिंग का उपयोग करता है, जिसमें वो एक कार्य को छोटे छोटे भागों में विभाजित कर देता है। 

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और प्रत्येक माइक्रोप्रोसेसर हर भागों में दिए गए कार्य को एक ही समय में एक साथ तेज गति से पूरा करते हैं। सबसे बड़े और शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर्स पैरेलल प्रोसेसिंग का इस्तेमाल करते हैं। इसमें वो कोई भी प्रोसेसर को तेज और कम समय में कर सकते हैं। सुपर कंप्यूटर में कई माइक्रोप्रोसेसर एक साथ काम करते हुए किसी भी जटिल समस्या का तुरंत हल निकाल लाते हैं। इसे भी कंप्यूटर को इस काबिलियत के आधार पर सुपर कहा जाता है। कि वो कितनी बड़ी कैलकुलेशन कितनी जल्दी कर लेता है। सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में एक अरब गणनाएं कर सकता है। सुपर कंप्यूटर की गति की गणना फ्लॉप्स यानी फ्लोटिंग पॉइंट्स ऑपरेशन पर सेकंड में की जाती है। जबकि साधारण कंप्यूटर की गति की गणना एम आईपीएस यानी मिलियन इन्स्ट्रक्शन्स पर सेकंड में की जाती है। 

सुपर कंप्यूटर में कौन सा ऑपरेटिंग सिस्टम प्रयोग करते थे। 

ऑपरेटिंग सिस्टम की बात की जाए तो जब नए सुपर कंप्यूटर की शुरुआत हुई थी। तो ये यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर कार्य करते थे। लेकिन समय और टेक्नोलॉजी में बदलाव के साथ अब अधिकांश नए सुपर कंप्यूटर्स में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि मैनुफैक्चर अपनी जरूरत के हिसाब से ऑपरेटिंग सिस्टम को चेंज भी कर लेते हैं। लिनक्स के अलावा सैंटोस ,बुल्स और रेल ,लिनक्स जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल भी किया जाता है। ज़्यादातर सुपर कंप्यूटर का उपयोग


साइंटिफिक कार्यों के लिए ही किया जाता है। तो इसमें कभी कभी ट्रेडिशनल प्रोग्रामिंग, लैंग्वेज फॉर ट्रेन और मॉडर्न प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जैसे सी और सी प्लस प्लस का उपयोग भी किया जाता है। सुपर कंप्यूटर साधारण कंप्यूटर की तुलना में हर तरह से बेहतर है। इसलिए इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा होती है। जिसे खरीदना आम इंसान के बस के बाहर है। सुपर कंप्यूटर के कीमत इस बात पर निर्भर करती है की ये कितनी फ्लॉप की गति से गणना करता है। जो सुपर कंप्यूटर जितना ज्यादा तेज होगा। उसकी कीमत उतनी ही ज्यादा होगी। यानी वह उतना ही महंगा होगा। सुपर कंप्यूटर की साइज भी बहुत बड़ी होती है। इसकी उचाई कुछ फिट से लेकर हंड्रेड फिट तक की होती है। इसलिए सुपर कंप्यूटर की कीमत बहुत ज्यादा होती है। इसकी कीमत दो लाख डॉलर से लेकर सौ मिलियन डॉलर तक होती है। सुपर कंप्यूटर का साइज इस बात पर भी निर्भर करता है। की वो सुपर कंप्यूटर कितने कंप्यूटरों से मिलकर बना है। एक सुपर कंप्यूटर दस सौ या हज़ार या इससे भी अधिक कंप्यूटरों से मिलकर बना हो सकता है। और यह सभी कंप्यूटर एक साथ काम करते हैं। 

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सुपर कंप्यूटर क्या है ये तो जान लिया अब बात करते है कि सुपर कंप्यूटर का प्रयोग कहा किया जाता है। 

सुपर कंप्यूटर का उपयोग खासकर ऐसे क्षेत्रों में किया जाता है। जिनमें कुछ ही क्षणों में बड़े पैमाने पर कैलकुलेशन करने की जरूरत पड़ती है। परंपरागत रूप से देखा जाए तो सुपर कंप्यूटर्स का ज्यादातर इस्तेमाल साइंटिफिक और इंजीनियरिंग ऐप्लिकेशंस के लिए होता है, जिससे ये बड़े बड़े डेटाबेस को हैंडल कर सके। और साथ ही बड़ी मात्रा में कम्प्यूटेशनल ऑपरेशन कर सके। 

सुपर कंप्यूटर की परफॉरमेंस। 


परफॉर्मेंस की बात करें तो ये आम कंप्यूटर से हजारों गुना तेज़ और ऐक्यूरेट्लि काम करता है। सुपर कंप्यूटर बहुत तेज़, शक्तिशाली और महंगे होते हैं। इसलिए इसका उपयोग वही पर किया जाता है। जहाँ पर बहुत बड़े और तेजी से कैलकुलेशन करनी होती है। इसके अलावा स्पेशल ऑपरेशन्स में भी इसकी जरूरत होती है। ऐतिहासिक रूप से इसका उपयोग मौसम की भविष्यवाणी करने, जिसे वेदर फोरकास्टिंग कहते हैं। जीन का संकलन करना जिसे जीन सिंथेसिस कहा जाता है, जलवायु अनुसंधान जिसे क्लाइमेट रिसर्च कहा जाता है, परमाणु अस्त्रों के सिमुलेशन करने तथा मैथमैटिकल मोडलिंग इत्यादि जैसे कामों को करने की बात आती है, तब हमें सही मायने में कंप्यूटर पावर की जरूरत होती है। ऐसे में सुपर कंप्यूटर ही ज्यादा काम आता है। 

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अब बात करते है कि सुपर कंप्यूटर कब और किसने बनाया था?

यदि आप कंप्यूटर के इतिहास के बारे में पता करेंगे। तब आप पाएंगे कि किसी अकेले व्यक्ति ने सुपर कंप्यूटर का निर्माण नहीं किया था। बल्कि बहुत से लोगों ने अपने योगदान समय समय पर दिया। तब कहीं जाकर हमें ऐसे विशाल और शक्तिशाली मशीन ही देखने को मिली। लेकिन जहाँ बात सुपर कंप्यूटर के आती है। तब इसका एक बहुत बड़ा श्रेय symour cray हो जाता है। क्योंकि उनका योगदान सुपर कंप्यूटर को बनाने में सबसे ज्यादा है। इन्हें सुपर कंप्यूटर के जनक भी कह सकते हैं। विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर के द्वारा उन्नीस सौ साठ में बनाया गया था। जिसका नाम था सीडीसी 1604. विश्व के दो सबसे तेज सुपर कंप्यूटर अमेरिका के हैं। इन दोनों कंप्यूटर के नाम है सुमित और सिरा। ये दोनों आईपीएल टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं। सुमित को जून दो हज़ार अठारह में दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर का ताज पहनाया गया था। सुमित के पहले चीन का सर्वे ताइहूलाइट विश्व का सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर था। 

जिसका अनुमानित मूल्य दो सौ तिहत्तर मिलियन डॉलर था। कुल मिलाकर दुनिया के दस सबसे तेज सुपर कंप्यूटर में पांच अमेरिकी दो चाइना और एक एक स्विट्जरलैंड जापान और जर्मनी का है। इस मामले में भारत भी किसी देश से पीछे नहीं है। इसके पास भी अभी पांच सबसे तेज सुपर कंप्यूटर्स हैं। जिनके नाम हैं pratyush cray xc40,sahastra cray XC40, Aditya IBM/Lenovo System, IIT delhi HPC, Param Yuva 2 ये सभी भारत के सुपर कंप्यूटर है। भारत को अपना पहला सुपर कंप्यूटर सन उन्नीस सौ इक्यानवे में मिला। इसका नाम था Param 8000 है। भारत का सबसे आधुनिक सुपर कंप्यूटर प्रत्यूष है। जनवरी दो हज़ार अठारह के हिसाब से pratyush cray xc40 भारत का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर है। इसकी मेमोरी 1.5 टेराबाइट हैं। ये सुपर कंप्यूटर पुणे के आइआइटी में स्थित है। भारत के सुपर कंप्यूटर की टॉप स्पीड 42.56 TELOPS/Second है। इस सुपर कंप्यूटर को मौसम और वातावरण को अच्छे से समझने के उद्देश्य से बनाया गया था। ये भारत में मानसून बाढ़ सूखा चक्रवात और हवा की गति जैसे मौसम में बदलाव की जांच और इसकी भविष्यवाणी सटीकता से कर सकता है। भारत में सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से लेकर मेडिकल और शिक्षा के क्षेत्र में रिसर्च के लिए किया गया है। 

तो दोस्तों आशा है कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सुपर कंप्यूटर क्या है ?इसका इस्तेमाल कहा किया जाता है ?और सुपर कंप्यूटर कब और किसने बनाया है ?इन सबसे जुड़ी सारी जानकारी मिल गई। मेरी हमेशा से यही कोशीश रहती है। कि में आपको आसान भाषा में अपनी बात बता पाऊं। दोस्तों अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया हो। तो इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। और अगर आपका कोई प्रश्न है। तो आप  करके पूछ सकते है। 

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